अपना फर्ज निभाते -2, खुद को ही भूल गया हूं, जिनके लिए अपनी सांसें तक गिरवी रख दी, आज उनकी नजरों का शूल बन गया हूं, जो कहते हैं, मैं अपना फर्ज भूला चुका हूं, उनके लिए ही तो मैं क्या से क्या हो गया हूं, वो जो झूठी वाहवाही को अपनी शान समझते हैं, मैं उनके लिए रातों की नींद तक छोड़ गया हूं।। #फर्ज#वाहवाही#गिरवी#yqbaba#yqdidi#hindipoems