नीरस में भी रस भर देता, मुरली मधुर वो तान अन्धकार में है प्रकाश वो, नाम है जिसका श्याम विरह आग में जल रही है वो, कहती तुमको नाथ लाज बचाने आ जाते हो, सब कहते तुमको श्याम तन है नीला अम्बर पीला, मोर पंख की शान देख छबि शीतलता आवे, नाम है तेरो श्याम मन शत्रु के स्नेह उपजावे, ऐसा सरस है काम भक्तों के तू दुःख हर लेवे, मनमोहन तेरा नाम हे!प्रभु मुझको भी रखले, शरण में अपने नाथ दरश तेरा एक बार मिले जो, जनम सफल हो जाय #कृष्णा#मेरे#प्रभु#दिल_की_पुकार#hindipoem#nojotohindi#Gudiagupta