याद करता हूं आज भी तुझे, तो ये मन मचल उठता है। प्यार कितना भी सच्चा हो उसके सामने ये जमाना कहां झुकता है। क्यों नहीं समझ पाते हैं ये, मोहब्बत के दुश्मन जमाने के लोग? बांध कितने भी मजबूत बनालो लेकिन उनसे पानी का बहना कहां रुकता है। रवि कुमार #रवि मेरठिया