अर्ज़ियाँ जुल्फों मे ठहरने की स्याही को नापसंद बात ये कोरी मिन्नतें, दिन भर परछाइयाँ खो गई जाने कहाँ,ओढ़ के रात ये अर्ज़ियाँ जुल्फों मे ठहरने की स्याही को नापसंद बात ये जुल्फें #पारस #अर्ज़ियाँ