कभी-कभी अकेला रहना पड़ता है, ख़ामोशी से हर दर्द सहना पड़ता है !! आती तो है होठों पर हंसी पर, दिल ही दिल में जलना पड़ता है !! कभी पूरे, कभी अधूरे रह जाते हैं, ये ख़्वाब हैं इन्हैं तो देखना पड़ता है !! जो लोग नहीं समझते एहसास मेरे, मेरे भी एहसास हैं कहना पड़ता है !! कभी किसी की ख़ुशी को ऐ 'हनीफ़', सारे अरमान दफ़्न करना पड़ता है !! #हनीफ़_शिकोहाबादी✍️ #मेरी_अपनी_ग़ज़ल कभी-कभी अकेला रहना पड़ता है, ख़ामोशी से हर दर्द सहना पड़ता है !! आती तो है होठों पर हंसी पर, दिल ही दिल में जलना पड़ता है !!