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वक्त के साथ चलने वाला हूं साहब तुम्हारे रोकने से

वक्त के साथ चलने वाला हूं साहब 
तुम्हारे रोकने से नहीं रुकूंगा
वरना रास्ते तो हवाएं भी रोकते हैं
इन्हें कौन बताएगा
के आंधियों को शांत करना किसी के बस की बात नहीं
हम तो वह इंतिहान है
 जो एक बार चला सो चल गए
motivations

©Satish Salame
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