तुम हवा हो तो कर लो अपने हवाले मुझको, इससे पहले की कोई बहा ले मुझको। आइना बनकर गुजारी है जिंदगी मैंने, टुट जाऊंगा बिखरने से बचा लो मुझको। प्यास बुझ जाए तो शबनम खरीद सकता हूं,जख्म मिल जाए तो मरहम खरीद सकता हूं। ये मानता हूं मैं दौलत नहीं कमा पाया, मगर मैं तुम्हारा हर गम खरीद सकता हूं। ।।हर्षित राजस्थानी।। ©Harshit Rajasthani Official #Mic