चंदन सी शीतल, मखमल सी कोमल लगती हैं.. जैसे गुलाबों के बागबाँ सी लगती हैं.. सुकूँ से सो जाऊं उनमें जी चाहता है.. बाँहें उनकी ख़याबां सी लगती हैं.. *ख़याबां-फूलों का बिस्तर -✍ पीयूष बाजपेयी 'नमो' (काव्यपीयूष)— % & #kaavyapeeyush #prb #नमो #काव्य_पीयूष