उम्मीदों की फ़सल जो उजाड़ दी गई बरसातों से दोस्ती पुरानी तोड़ दी गई हुआ जो हलाल हर सपना हर ख़्वाब जिस्म से खाल मानो ज्यों उधेड़ दी गई शिफा से नज़र भर न देखा कभी उसने जिसके ज़ख्मों में ज़िन्दगी साड़ दी गई #फ़सल #yqdidi #shayari #nazam #terasukhi #terasukhiquotes #yourquoteandmine #gazal Collaborating with YourQuote Didi