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सुबह की खिली खिली धूप, अल्हड़ बचपन सी चला अपनी र

सुबह की खिली खिली धूप, 
अल्हड़ बचपन  सी 
चला अपनी राह खुश हो कर ,
कुछ नये सपनो का है बसेरा ,
आज की दिन हो पूरे ऐसा तो नही
 बस कोशिश होगी ज़रूर.
❣️

©shayari by Sanjay T #Shayari | #shorts| shayari by Sanjay T | Hindi shayari
सुबह की खिली खिली धूप, 
अल्हड़ बचपन  सी 
चला अपनी राह खुश हो कर ,
कुछ नये सपनो का है बसेरा ,
आज की दिन हो पूरे ऐसा तो नही
 बस कोशिश होगी ज़रूर.
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