दिल के तारों को जोड़ कर देख लिया, दिल के तारों को तोड़ कर भी देख लिया। सिर्फ जज़्बात जुड़े और टूटे। पर जिंदगी चलती रही,न रुकी न थमी । 'जिंदगी जज़्बातो का खेल नहीं। जिंदगी दो दिलों का मेल नहीं'।। 🎀 Challenge-358 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 2 पंक्तियों अथवा 20 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।