जुबान खामोश आखों में नमी होगी... एक दिन मेरी यही दास्तान'ए जिंदगी होगी... भरने को तो हर जख्म भर जायेगा... कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी.. by ruvisha meri dairy