बारिश की बूंदों में मुस्कुराती मैं इंद्रधनुष के रंगों से नहाते तुम बेधड़क हर बात को कह जाती मैं मेरे बिखरेपन को समेटते जाते तुम सुबह की धुन में गुनगुनाती मैं सांझ को चुस्कियों से चाय पिलाते तुम जिंदगी को बेखौफ जीती जाती मैं मेरे डर को पी जाते तुम जमाने की रिवायतों से परे मैं दुनिया की नजरों से बचाते तुम ©Chandrika Lodhi # मेरे यार