मां रोओ मत, प्लीज... 06 साल की मेरी बच्ची है बेसुध सी सवाल पर सवाल करती है। मैं खामोश बैठी थी दरवाजे पर कि वह अचानक मेरे कंधे से चिपक कर मासूमियत से एक सवाल पूछती हैं: "मम्मा टीवी पर अंकल लोग रोज बलात्कार की बात करते हैं, यह बलात्कार क्या होता है?" मैं निशब्द थी उसकी मासूमियत पर, मानो दुखों का पहाड़ मेरी ओर, बार-बार दस्तक दे रहा हो। मानो चीज चीज करने वाली बच्ची को कोई चीज़ समझ कर नोचने को आतुर है। बेजान आंखों से आंसू छलक पड़ते हैं और बच्ची आंसुओं को पूछते हुए कहती है: "मम्मा सॉरी, मुझे कुछ नहीं जानना। पर अब तुम रोओ मत, प्लीज..." #कविताशायरी