इज़हार सुनो आज इजहार ए मुहब्बत का दिन है, एक वादा, तुम मुझसे करोगे क्या? रहूँ मैं अगर, तुम्हारा किताब बनकर, तुम जीवन भर मुझको पढ़ोगे क्या? और बिखर जाए पन्ने, अगर छूट के मुझसे, क्या! सहेज के मुझको रखोगे क्या? ©कवितांचल (Viveksri) #dilkibaat