इक नूर का हाला मेरे हुजरे में आया था, यानी कि वो खुद ही मेरे कमरे में आया था।। वो इस कदर जेहन वह मेरे दिल पे छाया था। वह मेरी गुफ्तगू मेरे लेहजें में आया था।। इस्माइल जबीह 97120,97722 कतआ,इस्माइल जबीह