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गाय जब तक दूध दे रही है तब तक वो जिंदा है और जैसे

गाय जब तक दूध दे रही है तब तक वो जिंदा है और जैसे ही गाय दूध देना बंद कर देती है उसे या तो कसाई को बेच दिया जाता है या फिर बेसहारा छोड़ दिया जाता हैं। 
एक बार गायों पर होने वाली क्रूरता को देख ले, अपने आप समझ आ जायेगा कि गाय का दूध क्यों नहीं पीना चाहिए।
भारत में गायों को माता कहकर पूजते है लेकिन वही भारत विश्व भर में सबसे ज्यादा गाय के मांस को बेचने वाले देशों में से एक हैं।
तो वास्तव में इसका ज़िम्मेदार कौन है?
हम लोग जो दूध पीते है उतने ही ज़िम्मेदार हैं।

गाय का दूध न पीने का कारण :

1. गाय के दूध पर प्रथम अधिकार उसके बच्चे का होता हैं और फिर हमारा, लेकिन यहां ऐसा नहीं होता। पहले दूध बेचा जाता है फिर जो थोड़ा बहुत बचता है उसके बच्चे को दिया जाता है। बेचारा बच्चा उसे तो पर्याप्त पोषण भी नहीं मिल पा रहा सिर्फ इंसानों के स्वार्थ के लिए।
2. दूध पीने का मुख्य कारण है इसमें कैल्शियम का पाया जाना। लेकिन और भी चीज़े है जिसमे दूध से ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है जैसे : चूना, रागी का आटा, सफेद तिल, कुलथी की दाल (Horse gram), राजगीरा/रामदाना और कई सारी हरी पत्तेदार सब्जियां आदि।
3. अगर गाय का बच्चा नर पैदा हो तो उसे तो बचपन में ही कसाई को बेच दिया जाता है क्योंकि वो दूध नहीं दे सकता?
4. दूध निकालने के लिए नवजात बच्चे को उसकी मां से दूर रखा जाता हैं। ये अत्याचार नहीं है?

आप अपने एक स्वार्थ को तो कम कर ही सकते है। जिसको आप सब माता कहकर पूजते है उनके साथ अनजाने में इतना बड़ा अत्याचार न करे।
अगर दूध पीना ही है तो नारियल, सोया (Soya milk), बादाम जैसी चीजों से बना दूध पीजिए।
गायों को सनातन धर्म में माता कहकर पूजते है लेकिन वही धर्म अगर उनकी रक्षा न कर पाए, उन पर होने वाले अत्याचार के लिए ज़िम्मेदार हो तो वो अधर्म हैं। उनकी पूजा करना व्यर्थ है।

©Chirag Bansal #savecows #Animals #cowmilk #sanatandharm #CowMother
गाय जब तक दूध दे रही है तब तक वो जिंदा है और जैसे ही गाय दूध देना बंद कर देती है उसे या तो कसाई को बेच दिया जाता है या फिर बेसहारा छोड़ दिया जाता हैं। 
एक बार गायों पर होने वाली क्रूरता को देख ले, अपने आप समझ आ जायेगा कि गाय का दूध क्यों नहीं पीना चाहिए।
भारत में गायों को माता कहकर पूजते है लेकिन वही भारत विश्व भर में सबसे ज्यादा गाय के मांस को बेचने वाले देशों में से एक हैं।
तो वास्तव में इसका ज़िम्मेदार कौन है?
हम लोग जो दूध पीते है उतने ही ज़िम्मेदार हैं।

गाय का दूध न पीने का कारण :

1. गाय के दूध पर प्रथम अधिकार उसके बच्चे का होता हैं और फिर हमारा, लेकिन यहां ऐसा नहीं होता। पहले दूध बेचा जाता है फिर जो थोड़ा बहुत बचता है उसके बच्चे को दिया जाता है। बेचारा बच्चा उसे तो पर्याप्त पोषण भी नहीं मिल पा रहा सिर्फ इंसानों के स्वार्थ के लिए।
2. दूध पीने का मुख्य कारण है इसमें कैल्शियम का पाया जाना। लेकिन और भी चीज़े है जिसमे दूध से ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है जैसे : चूना, रागी का आटा, सफेद तिल, कुलथी की दाल (Horse gram), राजगीरा/रामदाना और कई सारी हरी पत्तेदार सब्जियां आदि।
3. अगर गाय का बच्चा नर पैदा हो तो उसे तो बचपन में ही कसाई को बेच दिया जाता है क्योंकि वो दूध नहीं दे सकता?
4. दूध निकालने के लिए नवजात बच्चे को उसकी मां से दूर रखा जाता हैं। ये अत्याचार नहीं है?

आप अपने एक स्वार्थ को तो कम कर ही सकते है। जिसको आप सब माता कहकर पूजते है उनके साथ अनजाने में इतना बड़ा अत्याचार न करे।
अगर दूध पीना ही है तो नारियल, सोया (Soya milk), बादाम जैसी चीजों से बना दूध पीजिए।
गायों को सनातन धर्म में माता कहकर पूजते है लेकिन वही धर्म अगर उनकी रक्षा न कर पाए, उन पर होने वाले अत्याचार के लिए ज़िम्मेदार हो तो वो अधर्म हैं। उनकी पूजा करना व्यर्थ है।

©Chirag Bansal #savecows #Animals #cowmilk #sanatandharm #CowMother