कागज़ी दुनिया में जीने वाले लोगों से कहूँगा कि, गंगा का पानी पीने तो दूर नहाने लायक नही बचा। तो अभी मुझे ज्ञान देने लगेंगे। राष्ट्रीय धरोहर है हमारी या राष्ट्रीय नदी है। संस्कृति सभ्यता की जननी गंगे को प्रणाम। लॉकडाउन ने हमको बहुत कुछ समझा दिया है। जरूरत है आनेवाले वक़्त में हम नदियों को, औधोगिक कचरे का पात्र न बनने दें। #नमामि_गंगे के अंतर्गत गंगाजल स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। गंगा है तो देश है। तीर्थ है।संपदा है।भोजन है। बिजली है।पानी है।जीवन है। #पाठकपुराण की ओर से गंगा दशहरा के पर्व की अनंत शुभकामनाएं। तन के साथ मन का भी स्वच्छता अभियान चलाया जाए। 😊🙏 #शुभसंध्या