कहता है,बरसों से हूँ मैं यहाँ खडा़, धूप सही कड़क तो कभी सहा आँधी और तूफान। टस से मस नहीं हुआ,क्योंकी करना था मुझे अपना काम। पथिक को राह दिखाना,सही मंजिल तक पहुंचाना है मैं अगर उखड़ जाऊँ तो,इन्हें विश्वास किस पर करना है। रफ्तार अपनी बदलो पथिक,आलस से क्यों तुम्हे घिरना है मैं खडा़ हूँ यहाँ मार्गदर्शक बनकर,फिर क्यों बहाना तुम्हे बनाना है? सुप्रभात। मुसाफ़िर की रफ़्तार देखकर, मील का पत्थर बोल पड़ा! #मीलकापत्थर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi