खेल रही किस्मत नए खेल यंहा , कहीं सांस है तो कहीं धुंआ क्या समझेगा तू ज़िंदगी का जुआ आसमां कभी नीला कभी सुर्ख हुआ पैबंद लगा जोड़ ले किस्मत अब बहुत रुदन हुआ तिनके जोड़ नीड़ बना अपना क्या हुआ जो टूटा वो सपना कभी काम आ जाती दुआ ।। #nojotohindi#poetry#kismat