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अरबाज खान , धर्मा यादव कभी गम तो कभी तन्हाई मार ग

अरबाज खान , धर्मा यादव

कभी गम तो कभी तन्हाई मार गई

कभी याद आ कर  उनकी जुदाई मार गई

बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने

आखिर में ही उनकी बेवफाई मार गई


नजर नजर से मिलेगी तो सर झुका लेना


वह बेवफा है मेरा इंतिहा  क्या लेगी

वह बड़ी बेवफा है अपनी उंगलियां  जला
 लेगी

©Vijay Mishra
  Vijay Mishra
vijaymishra7200

Vijay Mishra

New Creator

Vijay Mishra #कविता

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