मेहनत और धैर्य से नेतृत्व करता परिवार का, पिता ऐसा योद्धा है एकमात्र इस संसार का-२ संयम कैसे बनता है एक पिता से पूछो, संघर्ष कैसे करना है एक पिता से पूछो,, सामना डटकर करता है समय की ललकार का। पिता ऐसा योद्धा है एकमात्र इस संसार का-२ जीवन कैसे जीना है वो राह दिखाता है, संघर्ष कैसे करना है मार्ग दिखाता है,, कठिन तपस्या से तपता जीवन एक पिता का। पिता ऐसा योद्धा है एकमात्र इस संसार का-२ अपने सपने रहे अधूरे तो संतान से उम्मीद करता, बच्चों को नए वस्त्र मगर खुद पुराने पहनता,, स्वर्ग क्या वैकुंठ है वो अपनी संतान का । पिता ऐसा योद्धा है एकमात्र इस संसार का-२ कृष्णकान्त चौहान ©Krishnakant Chauhan ##pita ji