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यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार विल्हेम शिकार्ड ने

यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार
 विल्हेम शिकार्ड ने सन 1642 में किया था 
और इसे ब्लेज पास्‍कल का नाम दिया गया था।

©G0V!ND DHAkAD #LifeCalculator 



भारत में गणित के इतिहास को मुख्यता ५ कालखंडों में बांटा गया है-

१. आदि काल (500 इस्वी पूर्व तक)(क) वैदिक काल (१००० इस्वी पूर्व तक)- शून्य और दशमलव की खोज(ख) उत्तर वैदिक काल (१००० से ५०० इस्वी पूर्व तक) इस युग में गणित का भारत में अधिक विकास हुआ। इसी युग में बोधायन शुल्व सूत्र की खोज हुई जिसे हम आज पाइथागोरस प्रमेय के नाम से जानते है।२. पूर्व मध्य काल – sine, cosine की खोज हुई।३. मध्य काल – ये भारतीय गणित का स्वर्ण काल है। आर्यभट्ट, श्रीधराचार्य, महावीराचार्य आदि श्रेष्ठ गणित
यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार
 विल्हेम शिकार्ड ने सन 1642 में किया था 
और इसे ब्लेज पास्‍कल का नाम दिया गया था।

©G0V!ND DHAkAD #LifeCalculator 



भारत में गणित के इतिहास को मुख्यता ५ कालखंडों में बांटा गया है-

१. आदि काल (500 इस्वी पूर्व तक)(क) वैदिक काल (१००० इस्वी पूर्व तक)- शून्य और दशमलव की खोज(ख) उत्तर वैदिक काल (१००० से ५०० इस्वी पूर्व तक) इस युग में गणित का भारत में अधिक विकास हुआ। इसी युग में बोधायन शुल्व सूत्र की खोज हुई जिसे हम आज पाइथागोरस प्रमेय के नाम से जानते है।२. पूर्व मध्य काल – sine, cosine की खोज हुई।३. मध्य काल – ये भारतीय गणित का स्वर्ण काल है। आर्यभट्ट, श्रीधराचार्य, महावीराचार्य आदि श्रेष्ठ गणित