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तू टूटता पत्ता ना बन,ये हवा उङा ले जाएगी तू तैरता

तू टूटता पत्ता ना बन,ये हवा उङा ले जाएगी
तू तैरता तिनका ना बन,धारा बहा ले जाएगी।।

कर सके तो कर ले तू ,इस तन को लोहा-लाट सा
अपने हृदय को साध ले, कर ले इसे फौलाद सा 
अंतः शक्ति को जगा,मंजिल तेरी मिल जाएगी।।------

दिल के डर के ठीक आगे,जीत की दहलीज है,
दहलीज के आगे तो बढ़, मन मे कैसी खीज है,
संभल कदम बढ़ाए जा,कदमों मे जीत आएगी।।------

माना तेरे खास अपने, रूठे हैं ,तुझसे दूर हैं ,
किसी बात पर नाराज हैं,कोई वजह है,मजबूर हैं 
सौम्य बन व्यवहार कर,नफरत पर प्रीत छाएगी।।----
पुष्पेन्द्र "पंकज"

©Pushpendra Pankaj
  #Friendship 
बैस्ट आफ लक ।

#Friendship बैस्ट आफ लक । #कविता

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