तुम्हारे होठों की नमी पाकर नीखरा हूं यूहीं नहीं कामिल कवि बना हूं होती है हर शाम तृष्णा मन की दहलीज मद्धम मद्धम सांसों में अपने पिघला चूम जाती हो समूचे बदन मेरे क्या ही कहूं इस सर्द हवाओं में बहकते अरमां हर पल भिंगु तुम्हारे गुलाबी होठों से आवारा मन की यही चाह लथपथ है बदन तुम्हारे ओस की बूंदों में यूं शबाब_ए_शराब चूम होठों से होठ तुम्हारे बुझा लेने दो न मेरी ये कई अरसो की प्यास #dedicatedtosomeone ..........k😘😘😘😘😉😉😉😉😙😙😙😙🙈🙈🙈 #morningkiss #desiresoftheheart #kissquotes #romantic_fantasies #yqdidi #kunu