नयनों से बहती अश्रु की धारा, हरी हरी नाम की बूंदों सी बह रही है। दरस की है अभिलाषा, वृंदावन के युगल किशोर की। जाने कब बूझेगी ये आस, भक्त कर रहा विलाप। ©Heer #भक्ति #प्रार्थना #विलाप #Krishna Prem