अगर गाँधी जी ज़िंदा होते तो गांधी पर क्या यार लिखे, कितना तुमको बतलाएं हम । बहुत लिख गए बेहतर हमसे, क्यों व्यर्थ में कलम चलाएं हम । पर आज गांधी है टूट के रोते, कारण क्या समझो भाई । पत्थर प्रतिमा के कोमल दिल का, दर्द तुम्हें दिखलाएं हम । आज असमंजस की बात है भाई, कहाँ है अब गांधी का घर । दिल के सतरंगे नभ में, या संसंद की खूनी धरती पर । राजभवन के बेखौफ दरिन्दे, करते गांधी को माल्यार्पण । गोडसे के भक्त ये देखो, देते हैं गांधी को तर्पण । जनता यहां नदी की मछली, नेता जाल लगाता है । रोहू-कतला सा उछल कूद कर, बेचारा फंस जाता है । जनता चुटका हुआ छुहारा, नेता लाल कदीमा है । जनता का सब खून जमा है, जिसकी कहीं न सीमा है । जनता यह मुर्गा बेचारा, नेताओं को चढ़ता है । फिर भी जनता ही कि भक्ति से, नेता हर कुकर्म करता है । जनता है कूएँ का मेंढक, मीडिया का नाग निगलता है । फिर भी नाग के पेट में जनता, नेता नेता करता है । ऐसी दशा जब है भारत की, तो क्यों न बापू रोयेंगे ????? बिस्तर सुंदर कितना भी स्वर्ग का, पर कैसे वो चैन से सोयेंगे ????? #Nojotohindi #hindi #गाँधी #nojoto #Nojotohindi #hindi #गाँधी #nojoto #Gandhi