पहना दो मुझे फिर से हाथ में इश्क़ की जंजीर । और कैद कर दो मेरे दिल को तेरे दिल के कैदखाने में । इस कमब्खत़ को बहूत पसंद है , जुदाई और दुख मुझे पहूंचाने में । सुफियान"सिद्दीकी अररिया बिहार । #zanzeer इस कमब्खत़ को बहूत पसंद है मुझे जुदाई और दुख पहूंचाने में।