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आज के टाइम म बुरी संगति कम्बख्त ले बैठी मेरे गाम क

आज के टाइम म बुरी संगति कम्बख्त ले बैठी
मेरे गाम के युवा न नशे की माड़ी लत ले बैठी

अजीब नाम त नशा बिक सरेआम है
म्हारे साइड म भी चपेट म कई गाम है
लम्बा चौड़ा जिक्र ना करू
उस लिस्ट म मेरे प्यारे कालीरावण का भी नाम है

युवा सोच्च एकबार ट्राय कर ल्यु के जाव है
मजबूर होज्या र इस म तो मजा आव है
इस मजे के चक्कर म सब कुछ लूट ज्या है
यारे प्यारे गेल्या विश्वास टूट ज्या है।।

नशे त कमजोर शरीर जमा लाचार हो ज्या है
समाज त अलग रहव और अलग  विचार हो ज्या है
इस आधुनिक चमक दमक भरी दुनिया म
मंजिल के रास्ते त दूर कदम दो -चार हो ज्या है

घर आले भी दुखी जब इस बात का बेरा लाग्ग है
म्हारला छोरा भी ड्रग लेण आल्या छोरया साग्ग है
क्यूकर होव इलाज इसका किस आग जिक्र करा
छोरे की ध्यान म वे आधी रात न भी जाग्ग है

पड़ोसी भी ताने मार ज्या दुखी दिल त सहना पड़ है
कोई न सम्भल ज्यागा टाबर है उन त न्यू कहना पड़ है
र क्यूं शर्मिंदा करो इन न जो कदे चार मानसा म बैठ्या करते
आज उन न थारे कारण समाज म नीची नाड़ करके रहना पड़ है

कदे जमा हट्टे कट्टे थे खेल्या म भाग लिया करते
फौजी बनण की चा म 4 बजे जाग लिया करते 
आज वा भीड़ वो दमखम रहया कोनी
जो रेस पाड़न खातर टूटी फूटी सड़का प भाग लिया करते


एक बार जरूर सोचियो के मिल इस दाग त
जद भर ज्या पेट आच्छी रोटी और साग त
यो नशा अजगर है साबत निगल ज्या है
जितना ना बिगड़ खतरनाक काले नाग त

हर संभव समाज सुधारक प्रयास करण लागरे 
छोड़ दयोगे इस न थारे त या आस करण लागरे
दलाल अपना मुनाफा देख़ है बस
क्यूं थाम अपनी भरी जवानी का नाश करण लागरे

आज के टाइम म बुरी संगति कम्बख्त ले बैठी
सोच वा जो समझ नशे न जन्नत ले बैठी
के जिक्र करगा *बामल* और किसे का
मेरे गाम के युवा न नशे की लत ले बैठी।।।

धन्यवाद।। #हरियाणवी_कविता_नशे_की_लत
आज के टाइम म बुरी संगति कम्बख्त ले बैठी
मेरे गाम के युवा न नशे की माड़ी लत ले बैठी

अजीब नाम त नशा बिक सरेआम है
म्हारे साइड म भी चपेट म कई गाम है
लम्बा चौड़ा जिक्र ना करू
उस लिस्ट म मेरे प्यारे कालीरावण का भी नाम है

युवा सोच्च एकबार ट्राय कर ल्यु के जाव है
मजबूर होज्या र इस म तो मजा आव है
इस मजे के चक्कर म सब कुछ लूट ज्या है
यारे प्यारे गेल्या विश्वास टूट ज्या है।।

नशे त कमजोर शरीर जमा लाचार हो ज्या है
समाज त अलग रहव और अलग  विचार हो ज्या है
इस आधुनिक चमक दमक भरी दुनिया म
मंजिल के रास्ते त दूर कदम दो -चार हो ज्या है

घर आले भी दुखी जब इस बात का बेरा लाग्ग है
म्हारला छोरा भी ड्रग लेण आल्या छोरया साग्ग है
क्यूकर होव इलाज इसका किस आग जिक्र करा
छोरे की ध्यान म वे आधी रात न भी जाग्ग है

पड़ोसी भी ताने मार ज्या दुखी दिल त सहना पड़ है
कोई न सम्भल ज्यागा टाबर है उन त न्यू कहना पड़ है
र क्यूं शर्मिंदा करो इन न जो कदे चार मानसा म बैठ्या करते
आज उन न थारे कारण समाज म नीची नाड़ करके रहना पड़ है

कदे जमा हट्टे कट्टे थे खेल्या म भाग लिया करते
फौजी बनण की चा म 4 बजे जाग लिया करते 
आज वा भीड़ वो दमखम रहया कोनी
जो रेस पाड़न खातर टूटी फूटी सड़का प भाग लिया करते


एक बार जरूर सोचियो के मिल इस दाग त
जद भर ज्या पेट आच्छी रोटी और साग त
यो नशा अजगर है साबत निगल ज्या है
जितना ना बिगड़ खतरनाक काले नाग त

हर संभव समाज सुधारक प्रयास करण लागरे 
छोड़ दयोगे इस न थारे त या आस करण लागरे
दलाल अपना मुनाफा देख़ है बस
क्यूं थाम अपनी भरी जवानी का नाश करण लागरे

आज के टाइम म बुरी संगति कम्बख्त ले बैठी
सोच वा जो समझ नशे न जन्नत ले बैठी
के जिक्र करगा *बामल* और किसे का
मेरे गाम के युवा न नशे की लत ले बैठी।।।

धन्यवाद।। #हरियाणवी_कविता_नशे_की_लत