तुम्हें एक बता दूं यारों किसी का कोई यकीन न करना चाहें लाख कसमें खाए, वादे करे सब कुछ एक पल में भूल जाएं चीखते चीखते मर जाओगे, इन्हे घंटा फर्क न पड़ेगा हां तुम्हारी एक न सुनेगै, अपने शब्दों से घाव ही घाव देगे और ये भी जताएगै की जो ये कर रहे हैं सब मेरे भले के लिए कर रहे है। वक्त की बात है सब कल तक जिनको अजीज़ थे वो मुझे ज्ञान दे रहे है। ©अंशुल(लफ्ज़) ,#exprience Babita Kumari Mamta Sharma Dhaansu Bhai Golden jaat md azhan