अर्धपूर्ण तुम रूठना मत मुझसे, मुझे मनाना नहीं आता मै महफ़िलो में भी रो लेता हुँ, मुझे छिपाना नहीं आता मै बाज़ार में हाथ नहीं पकड़ पाऊँगा तुम्हारा मुझे दिखावे का प्यार, दिखाना नहीं आता जो दर्द है अंदर, लिख देता हूँ डायरी में मुझे अभी माँ-बाबा से बताना नहीं आता मै तुम्हारे लिए जान तो नहीं दे पाऊँगा मुझे इश्क़ में मिट जाना नहीं आता मै तुमसे घंटो-घंटो बाते शायद न कर पाऊँ मुझे किसी को बातों में बझाना नहीं आता ' विद्रोही ' किसी के सपने का राजकुमार तो नहीं मुझे कुछ ये नहीं आता, मुझे कुछ वो नहीं आता ©Yash #achievement मै किसी के सपनो का राजकुमार तो नहीं मुझे कुछ ये नहीं आता, मुझे कुछ वो नहीं आता