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जो ना करना था, वो कर गया हूं मैं। फिर आज उधर से, ग

जो ना करना था, वो कर गया हूं मैं।
फिर आज उधर से, गुजर गया हूं मैं।।

निगाह-ऐ-नाज़ से बेशक, मैं बच गया लेकिन,
उसके होंठों के पास तिल पे, ठहर गया हूँ मैं।।

वफा करने की लत मुझमें, अभी है बाकी,
आप कहते है कि, कितना सुधर गया हूँ मैं।।

उसके नग्मों के बीच, मेरी कुंआरी गज़लें हैं,
अंजाम इसका सोचकर, डर गया हूं मैं।। जो ना करना था, वो कर गया हूं मैं।

jo na karna tha, kar gaya hu main.
phir aaj udhar se, gujar gaya hu main.

nigaah-e-naaz se beshak, mai bach gaya lekin,
uske hoto k pas til pe, thahar gaya hu mai.
जो ना करना था, वो कर गया हूं मैं।
फिर आज उधर से, गुजर गया हूं मैं।।

निगाह-ऐ-नाज़ से बेशक, मैं बच गया लेकिन,
उसके होंठों के पास तिल पे, ठहर गया हूँ मैं।।

वफा करने की लत मुझमें, अभी है बाकी,
आप कहते है कि, कितना सुधर गया हूँ मैं।।

उसके नग्मों के बीच, मेरी कुंआरी गज़लें हैं,
अंजाम इसका सोचकर, डर गया हूं मैं।। जो ना करना था, वो कर गया हूं मैं।

jo na karna tha, kar gaya hu main.
phir aaj udhar se, gujar gaya hu main.

nigaah-e-naaz se beshak, mai bach gaya lekin,
uske hoto k pas til pe, thahar gaya hu mai.