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गंगा–जमुना तहज़ीब कहां ? मानवता नामक चीज़ कहां ? ब

गंगा–जमुना तहज़ीब कहां ?
मानवता नामक चीज़ कहां ?
बस द्वेष–गरल हो रहे अंकुरित।
वो प्रेम–सुधा के बीज कहां ?

वो चैन कि जाने नींद कहां ?
प्यारा अपना वो हिन्द कहां ?
हो रहा है देखो चीर हरण।
जाने बैठे गोविन्द कहां ?

                        #आशुतोष_मिश्रा #Stoprape
गंगा–जमुना तहज़ीब कहां ?
मानवता नामक चीज़ कहां ?
बस द्वेष–गरल हो रहे अंकुरित।
वो प्रेम–सुधा के बीज कहां ?

वो चैन कि जाने नींद कहां ?
प्यारा अपना वो हिन्द कहां ?
हो रहा है देखो चीर हरण।
जाने बैठे गोविन्द कहां ?

                        #आशुतोष_मिश्रा #Stoprape