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न जाने कितने घर टूटे, कितने सपने बिखरे, कुदरत ने ध

न जाने कितने घर टूटे, कितने सपने बिखरे, कुदरत ने धरती बख्शी है अमन के लिए, इतनी मेहर और कर दो रब भर दो इनसानियत हैवानी दिलों में, इस आतंक की आर में अब किसी माँ की कोख न उजरे, 
किसी के हाथों की मेंहदी न उतरे।  #NojotoQuote #terrorism 
#stop #violence
न जाने कितने घर टूटे, कितने सपने बिखरे, कुदरत ने धरती बख्शी है अमन के लिए, इतनी मेहर और कर दो रब भर दो इनसानियत हैवानी दिलों में, इस आतंक की आर में अब किसी माँ की कोख न उजरे, 
किसी के हाथों की मेंहदी न उतरे।  #NojotoQuote #terrorism 
#stop #violence
sonijha1405

Soni jha

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