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"ख़्वाब से हो गए जुदा" कल ही पकड़ा था मोहब्बत ने

"ख़्वाब से हो गए जुदा"

 कल ही पकड़ा था मोहब्बत ने,  
उसकी दोस्ती का हाथ।

 बाद ए मुद्दत के शहर ए ग़म से ,
मिली  थी  निजात ।

छुप छुप के चढ़ रही थी पायदान ,
मेरी  रंग  ए  वफ़ा ।

उल्फत किसी को मेरी रास न आई ,
ख़्वाब से हो गए जुदा।

©Anuj Ray #ख्वाब से हो गए जुदा
"ख़्वाब से हो गए जुदा"

 कल ही पकड़ा था मोहब्बत ने,  
उसकी दोस्ती का हाथ।

 बाद ए मुद्दत के शहर ए ग़म से ,
मिली  थी  निजात ।

छुप छुप के चढ़ रही थी पायदान ,
मेरी  रंग  ए  वफ़ा ।

उल्फत किसी को मेरी रास न आई ,
ख़्वाब से हो गए जुदा।

©Anuj Ray #ख्वाब से हो गए जुदा
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator