"ख़्वाब से हो गए जुदा" कल ही पकड़ा था मोहब्बत ने, उसकी दोस्ती का हाथ। बाद ए मुद्दत के शहर ए ग़म से , मिली थी निजात । छुप छुप के चढ़ रही थी पायदान , मेरी रंग ए वफ़ा । उल्फत किसी को मेरी रास न आई , ख़्वाब से हो गए जुदा। ©Anuj Ray #ख्वाब से हो गए जुदा