तु क्या बिगड़ी जिन्दगी की खुद कु बासुरी तो हमे बाजा समझने लगे। अजी ताल-मेल क्या बिगडा जिन्दगी का हमे अपना ताज मरम्मत को क्या दिया कुछ भिखारी अपने आप को राजा समझने लगे ©Tarun tilwaliya बासुरी #Ring