जिन्दगी ही जिनकी गरीबी हो भला उनकी क्या खुदा से करीबी हो जो मां के पेट से ही ये दुर्भाग्य साथ लाया उनकी भला बेदर्द जमाने में हमदर्दी से क्यों करीबी हो कुमार महेश"माही" जोधपुर जिन्दगी ही जिनकी गरीबी हो भला उनकी क्या खुदा से करीबी हो जो मां के पेट से ही ये दुर्भाग्य साथ लाया उनकी भला बेदर्द जमाने में हमदर्दी से क्यों करीबी हो कुमार महेश"माही" जोधपुर