ये साल भी गुजर गया, बीती कहानी बनकर..! बह गयीं हसरतें, आँखों का पानी बनकर...!! यादें भी साथ चलती जा रहीं हैं..! कभी नयी तो कभी पुरानी बनकर..!! अब वक़्त से क्या शिकवा, और गिला कैसा..? उसका तो काम है, बढना रवानी बनकर..!! यूँ ही गुजर जायेगी, ये ज़िन्दगी एक दिन..! कभी बचपन, तो कभी ज़वानी बनकर...!! #Anil_kr..✍@self_written ©Anil_kr93 ये साल भी गुजर गया, बीती कहानी बनकर..! बह गयीं हसरतें, आँखों का पानी बनकर...!! यादें भी साथ चलती जा रहीं हैं..! कभी नयी तो कभी पुरानी बनकर..!! अब वक़्त से क्या शिकवा, और गिला कैसा..? उसका तो काम है, बढना रवानी बनकर..!!