रिश्ते में दूरियां कब आती है बैठे थे हम बज़्म में अपना दर्द बयाँ करने को.. हर टूटे बिखरे हारे दिल की कुछ दवा करने को.. सबके दिल मे था गिला शिकवा बहुत मोहब्बत से.. फिर भी देखो सब है तैयार फिर वफ़ा करने को.. पूछा हमसे की सिर्फ उनका ज़िक्र क्यों हर शायरी में.. हमने कहा अब क्या फिर टूटे कुछ नया करने को?.. हमें पसंद है उनकी नाराज़गी औऱ फिर उन्हें मनाना.. इसलिए करते है रोज़ गुस्ताखियां उन्हें खफ़ा करने को.. उन्हें पसंद है तीखा औऱ उनकी पसंद हमारी पसंद है.. हमें मौका तो दो सनम तुम्हारा मुँह कभी मीठा करने को.. gustakhi #nojotohindi #hindipoetry #RDV18 #lovequotes #lovelife