कूछ न कूछ तेरे नाम पे लिखता हूँ ! कलम चलती है तो दिल की आवाज़ लिखता हूँ ! तन्हाई और दर्द की एक दास्तान लिखता हूँ ! रूकते नहीँ हैँ आँसू मेरे आँखों से आज़ भी! जब भी मैं रिश्तों के ऊपर अल्फाज़ लिखता हूँ !! सोंचता हूँ लिख दूँ हर एक रिश्ते का सच , फ़िर रात भर जाग कर उन रिश्तों का नाम लिखता हूँ !! मेरे नासूर बन चुके कूछ जख्मों का मैं कूछ हिसाब लिखता हूँ !! मैं अपने नाम के साथ कूछ झूठे रिश्तों का नाम लिखता हूँ !! रात भर खुदा ही खुदा से किये सवालों का खामोशी भरे ज़वाब लिखता हूँ।। धीरज सिंह #love #shayari #awaz #nojoto