किसी को शेर और किसी को बंदर कहते है शक्ल लोमड़ी जैसी है क्या उसको सिकंदर कहते है नली नाले में हैं तैरने के वो आदि और मियां आज खुद को समंदर कहते है उनके आने से पत्ते भी नहीं हिलते है जो महफिलों में खुद को भयंकर है झूठी शोहरत और तंज दूसरों पे ऐसे निर्लज इंसाफ को हम छुछुंदर कहते है JUST 4 FUN JI SAMJHE KYA ©SOHRAB KHAN #Fun #Roasted ISHQ परस्त عشق✓✓Peace Ehsaas"(Roasting)"Radio