मीलों चला हु उन रास्तो में ..... जहाँ पल भर उजाला न था, सवेरे की चाह मे उगता हुआ... वो.... सूरज ना था, मौके मिले जो खूब हसीनाओ के.... तब वो अब्दुल्लाह दीवाना न था, हँसते हुए नाप आता था दो गलियाँ.. जब हसीन वादियां तो थी ..... मगर जमाना ना था, #shayari #jindagi #poetry #nojoto ##love #kahanidilki #alfazdilke #mohbbat #diwana #abdullahdivana