राजस्थानी जद ताइं जनजीवन में नई प्रगटे, भासा आपणो अळग सूं अस्तित्व नीं बणा सकेली .. राजस्थान री धरती पर नीरा उपन्यास कहाणियां काव्य मंड्या पड्या ह .. फेर लेखक जूठ खावण ने क्यूं जावे ? 🚩करणी दान बारहठ🚩 जै राजस्थान जै राजस्थानी