दिवाने थे हम उनकी मुहब्बत के और वो बेगाने हो कर चले गए हम थोड़े मसहुर क्या हुए शायरों की महफिल में खुदगर्जी तो उनकी देखो इसकी वजह वो खुद को बताने लग गए। # खुदगर्जी ।