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दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अंदर हैं, खुद के बना

दर्द, गम, डर जो भी है बस तेरे अंदर हैं,
खुद के बनाये पिंजरे से निकल कर देख,
तू भी एक सिकंदर हैं.

©Monika Baheti
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