Nojoto: Largest Storytelling Platform

रिश्तों की परख तो "पतझड़" मे होती हैं, बारिश मे तो

रिश्तों की परख तो
"पतझड़" मे होती हैं,
बारिश मे तो हर पत्ता
हरा नजर आता हैं।
दिखावटी और बनावटी
चेहरे हैं दुनिया मे बहुत,
हर शख्स का इक अलग
मोहरा नजर आता हैं।।
क्यों?
कही! तुम भी तो नही शामिल
उन हजार चेहरों मे,
जिसके सामने से इंसानियत
और पीछे भौकाल नजर आता हैं।।।
हो सकता हैं_
ये मेरे समझने का फेर या
देखने का नजरिया अलग हो,
वरना सच कहूं तो तुममें
मुझे भगवान नजर आता हैं।।

©Prince Ki Kalam Se..@
  #rishto_ko_ehmiyat_do_alag_hone_ke_baad_koi_taajmehel_kaam_nahi_aata_jab_dekhne_wala_hi_na_rahe