लिख तो दू पर शुरुआत कहाँ से करूँ, वो तुम्हारा लाइब्रेरी में आना , प्यारी सी मुस्कान के साथ हाथ मिलना, वो झुकी हुई नज़रों के साथ नज़रे मिलाना , तुझे देख बस मेरा तेरे ही ख्यालों मे खो जाना, अपने दिल कि बात तुझसे ना कह पाना, ये प्यार नहीं तो क्या है अपने जज़्बात को अपने तक रखना , वो दोस्तों का मेरा नाम से तेरा नाम जोड़ना, बातों बातों में नज़रों से नजरें मिलना , प्यार नहीं तो क्या है