सितारों की चाहत थीं चाँद नज़र आये,
दीदार हो चाँद का मिज़ाज निखर जाए।
रात भी चाहती है राज़ ज़ाहिर हो चाँद के,
आप #ओढ़नी हटा लो रात को क़रार आये।
भीड़ बढ़ने लगी दीवानों की झरोखे पर,
आओ झरोखे में हसरतें दिल की निकल जाये। #पहल#बज़्म_ए_इख़लास#जितेन्द्र777