हमें यह पता है कि मन के जीते जीत है मन के हारे हार है हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लाचार होते हैं क्योंकि कहीं ना कहीं हम अपनी मेहनत की वास्तविकता से वाकिफ होते हैं और यह बात जानते हैं कि हमारी मेहनत उस स्तर की नहीं है जिस स्तर की होनी चाहिए और इसीलिए मन में आशंका हमेशा ही घर किए रहती है कि हम लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाएंगे यदि हम अपने मन को खड़ा कर ले और अपने लक्ष्य की प्राप्ति में अपना सब कुछ न्योछावर करते हैं तो हमें लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य होगी परंतु यदि हमारा मन कमजोर पड़ जाता है तब हम चाह कर भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते हैं इसीलिए कहा जाता है कि मन के जीते जीत है और मन के हारे हार। _____________________________________________ आइए लिखते हैं #ख़यालोंकीउथलपुथल ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपना जवाब कोलाब करके लाइन के ऊपर लिखें ☝️ Collab बटन पर क्लिक कीजिए। चार बार Space पर क्लिक कीजिए और Next करके Caption में अपनी रचना लिखिए :)