थी एक ख्वाहिश मेरी कि पढूं कुछ खूबसूरत मैं भी कभी शुक्रिया उस खुदा का कि उसने मेरी खा़तिर तुम्हें लिख दिया... थी एक ख्वाहिश मेरी कि देखूं कोई हूर सी मैं भी कभी शुक्रिया उस कायनात का कि उसने इस जहां में तुम्हें भेज दिया... थी एक ख्वाहिश मेरी कि महसूस करूं मोहब्बत मैं भी कभी शुक्रिया उस तक़दीर का कि उसने मुझसे तुम्हें मिला दिया... थी एक ख्वाहिश मेरी की छू लूँ रूहानी आराईश मैं भी कभी शुक्रिया उस हवा के झोंके का कि उसने मुझसे तुम्हें करीब ला दिया... थी एक ख्वाहिश मेरी #nojoto #nojotohindi #sahilbhardwaj #love #poetry